भगवान के डाकिये Flashcards
कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिये क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिये।
कवि ने इस कविता में पक्षी और बादल को भगवान के डाकिये के रूप में प्रदर्शित किया है क्योंकि जिस तरह डाकिया एक मानव का सन्देश दूसरे तक पहुंचा कर अपने संदेशवाहक होने का कर्तव्य पूरा करता है उसी तरह पक्षी और बादल भी भगवान और प्रकृति के मानवता एवं आपसी सौहार्द्र के सन्देश को सम्पूर्ण विश्व में पहुँचाने का प्रयत्न करते है, यह अलग बात है की यह सन्देश हम कई बार भले ही नहीं समझ पाते किन्तु वह अपना संदेशवाहक होने का दायित्व निभाने का भरसक प्रयास करते है।
पक्षी और बादल के द्वारा लायी गई चिट्ठियों को कौन कौन पढ़ पाते है ? सोच कर लिखिए।
यह पेड़-पौधे , पहाड़ और पानी है जो की पक्षी और बादल के द्वारा लायी गयी चिट्ठियों को पढ़ पाते है।
किन पंक्तियों का भाव है :
(क) पक्षी और बदल प्रेम,सद्भाव और एकता का सन्देश एक देश से दूसरे देश को भेजते है
पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिये है ,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते है।
हम तो समझ नहीं पाते है
मगर उनकी लायी चिट्ठियां
पेड़ पौधे , पानी और पहाड़ बाँचते है।
किन पंक्तियों का भाव है :
(ख) प्रकृति देश -देश में भेद-भाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।
और एक देश का भाफ़ दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।
पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़ -पौधे , पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते है?
पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़ -पौधे , पानी और पहाड़ भगवान द्वारा भेजे गए प्रेम , एकता एवं सद्भाव के सन्देश को पढ़ पाते है। इसी सन्देश को पढ़ कर नदियाँ एक रूप से बिना भेद भाव के सबको पानी बाँटती है। पहाड़ समान रूप में सबके साथ खड़ा होता है।
” एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है। “ - कथन का भाव स्पष्ट कीजिये।
एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है - कवि के इस कथन से यह भाव स्पष्ट होता है की एक देश से निकली हुई प्रेम और सद्भाव के सुगंध से भरी हुई हवा दूसरे देश में भी वही प्रेम और सद्भाव के सन्देश को सुगंध के रूप में बिखेरने का प्रयत्न करती है।